M.A. 2nd Year Sanskrit Important Questions 2024

The collection of m.a. 2nd year Sanskrit important questions given in this post is for 2024. 

You can increase your confidence level by solving these Sanskrit questions. 

To answer these questions, you have to use the textbook prescribed by your university. 

By reading the chapter carefully, you will be able to know the answers to many more questions. 

First of all, write these questions in your notebook. 

After that read the chapter related to these questions in the textbook. 

Try to understand the concepts of the lesson. 

After that write the answers to these questions of m.a. 2nd year Sanskrit model question paper in your own words. 

This process will help you to memorize the answers to these questions smoothly for a long period.

These questions have been prepared according to the pattern of m.a. 2nd year Sanskrit question paper.

To understand the Sanskrit language, one should also have an interest in it. 

If you study without interest then this language will not be interesting. 

By doing a master's in Sanskrit you can also make a career in it. 

You will have difficulty understanding many Sanskrit question words in the questions given below. 

For this, you can understand them by searching on Google. 

Let's solve these questions.


M.A Second Year Sanskrit Questions

M.A. Second Year Sanskrit Important Questions For Exam - एम ए संस्कृत के प्रश्न 


  • वैदिक आर्यो के जीवन में अग्नि के महत्व पर प्रकाश डालिए ।
  • सूर्य की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए ।
  • इन्द्र की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए ।
  • “उषा' शब्द का निर्वचन यास्क के अनुसार लिखिए ।
  • शिव-संकल्प-सूक्‍त का परिचय दीजिए ।
  • शान्ति पाठ से क्‍या समझते हैं? इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालिए ।
  • स्वाध्याय और प्रवचन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए ।
  • याज्ञवल्क्य ने मैत्रेयी को क्या-क्या उपदेश दिये ।
  • अधोलिखित मंत्रों की संस्कृत में व्याख्या कीजिए - (क) इदं सर्व यदयमात्या । (ख) एवं सर्वषां वेदानां वागेकायनम्‌। (ग) न प्रेत्य संज्ञाइस्ति इति अरे ब्रवीमि इति । (घ) आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः श्रोतव्यो मन्तव्यो निदिध्यासि तव्यः ।
  • उपजीव्य काव्य के अन्तर्गत आने वाले ग्रंथों का उल्लेख कीजिए ।
  • महर्षि वाल्मीकि का संक्षिप्त परिचय दीजिए ।
  • किष्किच्धाकाण्ड में प्रकृति और उसके मानवीकरण पर प्रकाश डालिए ।
  • गीता के भक्तियोग का विवेचन कीजिए ।
  • स्थितप्रज्ञ के लक्षण लिखिए ।
  • “योग: कर्मसु कौशलम' इस कथन की समीक्षा कीजिए ।
  • भगवत्य्राप्ति के साधनों का उल्लेख कीजिए ।
  • महाभारत के अन्तर्गत विदुर नीति की विषयवस्तु लिखिए ।
  • संस्कृत के कुछ नीतिपरक ग्रन्थों का उल्लेख कीजिए ।
  • अधोलिखित श्लोकों की व्याख्या कीजिए- (क) चक्षुषा मनसा वाचा कर्मणा च चतुर्विधम्‌, प्रसादयति यों लोक त॑ लोकोब्नुप्रसीदति । (ख) तुल्य निन्दास्तुतिमौंनी संतुष्टो येन केनचित, अनिकेत स्थिरमतिर्भक्तिमान्‌ मे प्रियो नरः।
  • निम्न पद्यों का हिन्दी में अनुवाद कीजिए- (क) कृतप्रणामस्य महीं महीभुजे जितां सपत्नेन निवेदयिष्यतः । न विव्यथे तस्य मनो न हि प्रियं प्रवक्‍तुमिच्छन्ति मृषा हितैषिण: ।। (ख) मनुष्य वाह्मम्‌ चतुरस्रयान मध्यास्य कन्या परिवारशोभि । विवेश मजूचान्तर-राजभार्गम्‌ पतिंवरा क्लृप्तविवाह वेषा ।। (ग) काम नृपा: सन्‍्तु सहस्रशोष्न्ये राजन्वती-माहुरनेन भूमिभ्‌ | नक्षत्र-तारा-ग्रह-संकुलापि ज्योतिष्मती चन्द्रमसैव रात्रि:।।
  • संस्कृत-काव्य रचना के उद्भव का विवेचन कीजिए ।
  • संस्कृत कवियों की राज्याश्रियता का विवेचन कीजिए ।
  • बुद्धचरित और सौन्दरनन्द में बौद्धधर्म की विवृति के कारण काव्य-सौष्ठव प्रभावित हुआ है, आप सहमत हैं? उत्तर दीजिए ।
  • 'उपमा अश्वघोषस्य' सौन्दरनन्द के पाठ्यांश के आधार पर इस उक्ति की समीक्षा कीजिए ।
  • कालिदास के महाकाव्यों का विवेचन कीजिए ।
  • भारवि के काव्य वैशिष्ट्य की समीक्षा कीजिए ।
  • द्रौपदी द्वारा युधिष्ठर के अनुशासन का विवेचन कीजिए ।
  • राधेयोषस्भि वास्मि पार्थो वा' कविता के वैशिष्ट्य का विवेचन कीजिए ।
  • संस्कृत साहित्य में बाणभट्ट का स्थान निर्धारित कीजिए ।
  • शुकनासोपदेश के कथानक को संक्षेप में लिखिए ।
  • लक्ष्मी के दोषों के कारणों पर बाण के विचारों का निरूपण कीजिए ।
  • आर्यशूर की काव्य शैली का सोदाहरण विवेचन कीजिए ।
  • शिबि जातक के आधार पर राजा और अमात्यों के बीच संवाद का निरूपण अपने शब्दों में कीजिए ।
  • निम्नलिखित सन्दर्भों का हिन्दी में अनुवाद कीजिए- (क) तस्य बुद्धिरमवत्‌-अतिसभाग्यास्ते सत्पुरुषविशेष ये विस्त्रम्भ-निर्यन्त्रण-प्रणयमर्थिभि: स्वगात्राण्यपि याचयन्ते | मम पुनः प्रत्याख्यान-रूक्षाक्षर-वचन-सन्तर्जित इवार्थिजनो धनमात्र के प्रगल्भप्रणयः संवृत्त इति । (ख) अहो बतौदार्यमहो कृपालुता, विशुद्धता पश्य यथास्य चेतसः । अहो स्वसौरव्येषु निरुत्सुका मति: नमोस्तु तेइडभयुद्गत-पघैर्य विक्रम: ।।
  • मैत्रीबल जातक की विषय वस्तु प्रस्तुत कर इसमें निहित संदेश का निरूपण कीजिए ।
  • अम्बिका दत्त व्यास की गद्यशैली का सोदाहरण विवेचन कीजिए ।
  • सुमनःपुर की विशिष्टताओं का परिचय दीजिए ।
  • रूपक के भेदों पर प्रकाश डालिए ।
  • नायक एवं नायिका को परिभाषित करते हुये उनके भेदों पर प्रकाश डालिए ।
  • नाटक में पंचसंधि, नानदी पाठ तथा भरत वाक्य पर प्रकाश डालिए ।
  • मृच्छकटिकम्‌' की कथा-वस्तु का विवेचन कीजिए ।
  • मृच्छकटिकम्‌' के प्रथम अंक को 'अलंकारन्यास' नामक अंक क्‍यों कहा गया है, स्पष्ट कीजिए ।
  • भुद्राराक्षस' नाम की सार्थकता सिद्ध करते हुये राक्षस का चरित्रांकन कीजिए ।
  • अभिज्ञान शाकुन्तलम्‌' के चतुर्थ अंक का सारांश संस्कृत भाषा में लिखिए ।
  • उत्तररामचरित' के राम और सीता का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
  • “पूर्व: प्रतिशोध' के आधार पर अश्वत्थामा का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
  • आलत्मनेपद प्रक्रिया से सम्बद्ध किन्हीं फ्राँक्ष सूत्रों का सोदाहरण विवेचन कीजिए ।
  • कृत्य प्रत्यय कितने हैं? उदाहरण सहित सबका उल्लेख कीजिए ।
  • निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए- (क) निष्ठा (ख) भाववाचक कृत प्रत्यय (ग) कर्तृवाचक कृत्‌ प्रत्यय (घ) तयोरेव कृत्यक्तखलर्था: (ड) उणादि
  • स्त्री प्रत्यय कितने हैं? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।
  • प्राक्‌ वराहमिहिर कालीन ज्योतिष के योगदान का वर्णन कीजिए ।
  • आयुर्वेद का ऐतिहासिक परिचय दीजिए ।
  • व्याकरणात्मक एवं प्रक्रियात्मक व्याकरणों का सार प्रस्तुत कीजिए ।
  • कोश शास्त्रीय इतिहास पर लेख लिखिए ।
  • भारतीय धर्मशास्त्रों की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालिए ।
  • भाष्य एवं निबन्धशास्त्रों का ऐतिहासिक परिचय दीजिए ।
  • बृहत्त्रयी के रचनाकारों के साथ-साथ ग्रंथों के वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालिए ।
  • टिप्पणी लिखिए- (क) आर्यभट्ट-प्रथम (ख) कात्यायन (ग) चरक संहिता (घ) सारस्वत सम्प्रदाय
  • निम्नलिखित में से किसी एक पर संस्कृत में निबन्ध लिखिए- (क) प्रिय नाट्यकार: (ख) काव्यप्रयोजनम्‌ (ग) उपमा कालिदासस्य
  • निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों का संशोधन कीजिए- (क) सः पवित्र: गडगाजलम्‌ आनयति | (ख) शिवस्य त्रयः नेत्राणि सन्ति । (ग) इदं गौः दुग्धं वाजूछति । (घ) अहं श्व विद्यालयं गमिष्याम: |
  • निम्नलिखित रेखांकित शब्दों में विभक्ति-निर्देश कीजिए- (क) बालक: सिंहातु बिभोति । (ख) ईश्वराय नमः। (ग) भूषतिः प्रासादम्‌ अधितिष्ठति । (घ) त्वया वेद: पठयते | (ड) केशेषु चमरीं हन्ति ।
  • निम्नलिखित सूत्रों की सोदाहरण व्याख्या कीजिए- (क) कर्तुरीष्सिततमं कर्म (ख) धारेरुत्तमर्ण: (ग) पजचमी विभकते: (घ) सप्तम्यधिकरणे च (ड) इत्थंभूललक्षणे
  • निम्नलिखित अवतरण का संक्षेपण कीजिए एवं समुचित शीर्षक लिखिए- अस्माक भारतवर्ष कृषिप्रधान: देश: अस्ति । अस्मिन्‌ देशे बहुसंख्यका: जना: ग्रामेषु निवसन्ति । कृषि: एव तेषां मुख्य जीविकासाधनम्‌ । कृषिं बिना अन्नस्य उत्पादनं न सम्भवति । अन्नाद्‌ एवं जीवनशक्तिम्‌ (ऊर्जाम) आधाय प्राणिनः प्राणवन्तः गतिशीलाश्च भवन्ति । अस्माक प्राचीना कृषिव्यवस्था अतीव उन्‍नता वैज्ञानिकी च आसीत्‌ । वैदिक जनाः स्वकृषिकार्यार्थ मुख्यतया वृष्टि आश्रिता: आसन्‌ । पशुपालनवृत्ति: कृषिकार्यार्थभ आवश्यकी वर्तते | अतएव वैदिक-साहित्ये गो-चर्चा आयाति | वैदिक जना: पृथिवीं स्वमातरं मन्यन्ते सम |
  • निम्नलिखित सूक्तियों की संस्कृत व्याख्या कीजिए- (क) उद्योगिनं पुरूषसिंहमुपैति लक्ष्मी: | (ख) सत्यमेव जयते। (ग) विद्या ददाति विनयम्‌ । 
  • कर्मधारय समास की सोदाहरण व्याख्या कीजिए ।
  • अधोलिखित पदरूपों की प्रयोगसिद्धि सूत्रनिर्देश पूर्वक कीजिए- (क) चन्द्रशेखरः (ख) कर्मकुशलः (ग) शुक्‍्लाम्बरा (घ) उपगड्गम्‌ (ड) अनुरूपम्‌ (च) यूपदारू (छ) राजपुरुषः (ज) कुम्भकार: (झ) बत्रिफला (ज) सपरिवार:
  • निम्नलिखित की व्याख्या सोदाहरण कीजिए- (क) अक: सवर्ण दीर्घ: । (ख) एड: पदान्तादति ।
  • निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए- अमावस्या, . निर्यातम्‌, शाश्वत, शीतल:, अन्याय, सजीव, कृतज्ञ, उत्थानम्‌
  • निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए- लक्ष्मी, कृष्ण:, गृहम्‌, चन्द्रमा, जलम्‌, पर्वतः, पार्वती, पुष्पम्‌, घोटक:


(Note- संस्कृत के कुछ शब्दों को यहाँ लिखने में परेशानी हो रही थी, कुछ गलतियाँ हो सकती हैं, उसे वेबसाइट या बुक में सर्च कर सही कर लें)

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