BA 1st Year Sanskrit Important Questions 2024

Today we mentioned in post ba 1st year sanskrit important questions for the session 2024. 

These questions are unique and authentic. 

We are providing Sanskrit's 1st paper and 2nd paper important questions for you in this post. 

These questions help you to understand the pattern of the exam papers. 

Before starting to prepare the answers to these questions, read carefully your university syllabus. 

If these questions do not match with the syllabus treat it b.a first year Sanskrit common syllabus for 2024,

Every university sets its own ba 1st year Sanskrit paper pattern and questions. 

To answer that question smoothly, you will read the relevant chapter in detail. 

The best way to prepare the answer of ba first year Sanskrit paper, read the chapter carefully and write the answer in your own words. 

This process helps you to memorize it very easily and for a long period. 

As you know from the Rigvedic period, all the literature has been created through the Sanskrit language. 

Sanskrit is being studied and taught in many forms from Kanyakumari to the Himalayas.

Despite being the medium of Indian culture and thought stream, it has been a secular language from many points of view. 

The manuscript of Devi Mahatmya received from Bihar or Nepal is the most ancient and safe manuscript of Sanskrit.

That means Sanskrit is an excellent Indo-Aryan language of the Indian subcontinent. 

You can call it a branch of the Indo-European language family, other Indian languages ​​such as Sindhi, Punjabi, Nepali, Hindi, Bangla, Marathi, etc. originated from Sanskrit.

It is generally seen in India that the Sanskrit language is used only in worship lessons and Hindu is generally used.

The Sanskrit language is the official language of the state of Uttarakhand and it is the spoken language in India as well as in Nepal.

That's why the Sanskrit language has its own importance and all Indians should know it. 

Now come to the main point, write the following ba first year sanskrit model paper questions in a notebook and prepare answers with the help of your textbook. 

These question answers will save you time during the exam and will boost your confidence.

Let's start to write the answer. 


B.A. First Year Sanskrit Model Paper

B.A 1st Year Sanskrit 1st Paper Questions

  • प्रश्न - महाकवि भास की नाट्य शैली पर प्रकाश डालिए |
  • प्रश्न - यौगन्धरायण का चरित्र चित्रण करें |
  • प्रश्न - टिप्पणी लिखें - (क) स्त्री स्वभाववास्तुकातर:, (ख) अनति क्रमणीयो हि विधि:
  • प्रश्न - इनके चार रूप निर्देश के अनुसार लिखें - (क) राम - सप्तमी विभक्ति (ख) आत्मन - प्रक्षमा विभक्ति (ग) सीता - चतुर्थी विभक्ति (घ) मधु - तृतीय विभक्ति (च) सर्व - षष्ठी विभक्ति (छ) युस्मद - चतुर्थी विभक्ति
  • प्रश्न - इनके चार धातुओं के नाम निर्देश के अनुसार लिखें - (क) गम् - लटलकार प्रथम पुरुष (ख) पत्त् - लोटलकार प्रथम पुरुष (ग) कृ - लड्लंकार मध्य पुरुष (घ) कथ् - लड्लंकार उत्तम पुरुष (च) दृश - लड्लंकार उत्तम पुरुष (छ) दिव् - लटलकार मध्यपुरुष 
  • प्रश्न - इनके संधि विग्रह कर संधि के नाम लिखें - धात्रंश:, तल्लय:, पावकः, दैत्यारि:, ब्रह्मर्षि:
  • प्रश्न - इनके संस्कृत में अनुवाद करें - (1) वह गरीबों को दान देता है (2) सदा सत्य बोलो (3) वन में मोर नाचता है (4) वृक्ष से फल गिरते हैं (5) कृष्ण को मख्खन अच्छा लगता है (6) सीता पुस्तक पढ़ेगी (7) राम वन को गएँ (8) वे दोनों पढ़ते हैं |
  • प्रश्न - निम्न पर निबंध लिखें - (क) मुर्ख-पद्धति (ख) दिलीप का चरित्र चित्रण (ग) उपमा कालिदासस्य
  • प्रश्न - महाकाव्य के उद्भव और विकास की समीक्षा करें |
  • प्रश्न - प्रमुख गीतकाव्यों पर निबंध लिखें |
  • प्रश्न - इनपर टिप्पणी लिखें - अश्वघोष, मेघदूतम्, जयदेव, किराताजुर्रनीयम
  • निम्नलिखित गदयांश का सप्रसंग अनुवाद करें - तदहमनशन कृत्वा प्राणानुत्सुजामि। किमनेन नो व्यर्थजीवितव्यसनेन? एवं निश्चय कृत्वा सुप्तः। अथ तस्य स्वप्ने पदूमनिधिः क्षपणकरूपी दर्शन दत्वा प्रोवाच- भो श्रेष्ठिन्‌! मात्वं वैराग्यं गच्छ। अहं प्रदूमनिधिस्त्व पूर्वपुरुषोपार्जितः। तदनेनैव रूपेण प्रातस्त्वदूगृहमागमिष्यामि। तत्त्वया5हं त्रगुडप्रहारेण शिरसि ताडनीय: , येन कनकमयो भूत्वाsक्षयो भवामि।
  • निम्नत्रिखित की सप्रसंग व्याख्या करें:- (क) सौहदस्य न वाञ्छन्ति जनकस्य हितस्य च| लोकाः प्रपालकस्यापि यथा पुत्रस्य बन्धनम्‌॥ (ख) गगनमिव नष्टतारं शुष्कमिव सरः शमशानमिव रौद्रम्‌।. प्रियदर्शनमपि रूक्ष भवति गृहं धनविहीनस्य॥ (ग) तानीन्द्रियांण्यविकल्रानि तदेव नाम सा बुदधिरप्रतिहता वचनं तदेव। अर्थेष्मणा विरहितः पुरुष: स एव बाहयः क्षणेन भवतीति विचित्रमेतत्‌॥
  • किन्हीं दस शब्दों को संस्कृत में लिखें - टमाटर, मिर्च, अंगुली, गोभी, श्रगम, कान, तरबूज, खजूर, जीभ, बेर, करेल्रा, भौं, अमरूद, घुटना, कमर
  • किन्हीं चार वर्णों का उच्चारण- स्थान लिखें- द, ग, ऐ, ज, ड, ब, य, ष, ह, औ
  • किन्हीं पाँच अव्ययों का वाक्य में प्रयोग करें- ततः, अन्यत्र, कुत्र, यथा, कुतः, तदा, अत्र, तथा, कदा, यत्र


B.A 1st Year Sanskrit 2nd Paper Question

  • प्रश्न - मृग वायस-श्रिंगाल कथा तथा जरदगव और दीर्घकर्ण कथा को अपने शब्दों में वर्णन करें|
  • प्रश्न - आचार्य शुकनाश के उपदेशों के सार का अपने शब्दों में वर्णन करें |
  • प्रश्न - वेद और वेदांगों का सविस्तार वर्णन करें |
  • प्रश्न - निम्न पर टिप्पणी लिखें - (1) अठारह पुराण (2) आरण्यक (3) उपनिषद (4) ब्राह्मण ग्रंथ (5) ऋग्वेद
  • प्रश्न - 'भारवेरथ्र्गौरवम' पर एक निबंध लिखें |
  • प्रश्न - निम्न पर टिप्पणी लिखें - महाकवि कालिदास, श्री हर्ष, बाणभट्ट, महाकवि शूद्रक, विशाखदत
  • प्रश्न - स्वप्नवासवदत्तम् में वर्णित प्रकृति चित्रण का वर्णन कीजिए|
  • प्रश्न - नीतिकाव्य के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिए|
  • प्रश्न - संस्कृत नाटक के उद्भव एवं विकास को परिलक्षित कीजिए।
  • भतृहरि का सामान्य परिचय देते हुए नीति साहित्य में उनके योगदान का वर्णन करें 
  • लघु सिद्धान्त कौमुदी के संज्ञा प्रकरण से संहिता संज्ञा विधायक, संयोग संज्ञाविधायक एवं पद संज्ञा विधायक सूत्रों की उल्लेखपूर्वक व्याख्या करें
  • हितोपदेश वर्णित “मित्रलाभ' की कथा का सारांश लिखें
  • उपसर्ग संज्ञा विधायक सूत्र की व्याख्या करते हुए संस्कृत के सभी उपसर्गों को सोदाहरण समझाएँ
  • उपयुक्त का संस्कृत में अनुवाद करें:- एक बार एक जंगल के निकट राजाओं के बीच घोर युद्ध हुआ| एक जीता दूसरा हारा। सेनाएं अपने नगरों की ओर लौट गई। बस सेना का एक ढोल पीछे रह गया। उस ढोल को बजाकर सेना के साथ भाट व चारण वीरता की कहानियाँ सुनाते थे।
  • उपर्युक्त श्लोक की व्याख्या करें:- शिर: शार्व स्वर्गात्‌ पशुपति शिरस्तः क्षितिधरम्‌, महीधादुत्तुज्ञादवनि अवनेश्चापि जलधिम्‌। अधोड्धो गज्लेयं पदमुपगता स्तोकमथवा, विवेक भ्रष्टानां भवति विनिपात: शतमुख:॥
  • नीतिशतक का कोई श्लोक लिखकर उसका अर्थ लिखें 
  • प्रत्याहार शब्द का अर्थ स्पष्ट करते हुए प्रत्याहार की संख्या लिखिए और सभी का नाम भी लिखिए।
  • नीति साहित्य का व्यवहार-निर्माण में क्या महत्त्व है? समझाइए।

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