Giloy Benefits In Hindi: क्या है गिलोय के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण
औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय का परिचय (Giloy Ke Aushadhi Gun और Giloy Ke Kya Fayde Hai)
आप सभी ने Giloy Ka Paudha (पौधा) और उसके औषधिये गुणों के बारे में सुना होगा| कुछ लोग इसके फायदे (Giloy Ke Kya Fayde) और नुक्सान के बारे में भी सुना होगा| लेकिन ये बात दावे के साथ कही जा सकती है की, आप बहुत कुछ इसके बारे में नहीं जानतें होंगे| आप क्या बहुत से लोगो ने सिर्फ इसका नाम ही सुना होगा| आज हम अपने ब्लॉग पोस्ट के द्वारा कुछ महत्पूर्ण जानकारी (Giloy In Hindi) आप से साझा कर रहे हैं |गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल होता है | जब से ये "Covid" का प्रकोप विश्व में फैला है और लोगो के पास इसकी दवा मौजूद नहीं है तो लोगो द्वारा अपनी रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ाने के लिए गिलोय का जबरदस्त इन्तेमल किया जा रहा है |
इसे लोग एक दूसरी वयवस्था के तौर पर देख रहे हैं | लोग अपने अनुभव को अन्य के साथ साझा भी कर रहे हैं और "Covid" बीमारी से बचाने वाली दवा के रूप में देख रहे हैं | आयुर्वेद के इस रसायन का हमारे स्वस्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है | इसका सबसे जबरदस्त पहलू इसका साइड इफ़ेक्ट न होना है |
आज हम आपको कुछ हेल्थ टिप्स हिंदी में (health tips in hindi) देने जा रहे है की गिलोय के क्या फायदे हैं | |
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Giloy Benefits In Hindi: क्या है गिलोय के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण |
पतंजलि ने गिलोय (giloy) से सम्बंधित बहुत से प्रोडक्ट लोगो के लिए मार्केट में लांच किया है जैसे - गिलोय जूस (giloy juice), गिलोय घनवटी (giloy ghanvati). ये पतंजलि ने गिलोय प्लांट (giloy plant) से तैयार किया है | पतंजलि ने गिलोय ट्री (giloy tree) से बहुत से प्रोडक्ट बना कर लोगो को गिलोय के फायदे (giloy benefits) से रूबरू कराया और लोग इसे जानने लगे |
गिलोय हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, वैसे तो ये स्वाद में कड़वा, तीखा और कसैला होता है, लेकिन ये हमारे शरीर के कफ, वात-पित्त को सहज करने में सहायक सिद्ध होता है | अगर आपके शरीर के वात-पित्त में सामंजस्य सही है तो आपका शरीर सही तरह से काम करेगा |
गिलोय का सेवन हमारे शरीर में होने वाली बहुत सी घटनाओ को अंजाम देती है, जैसे - आपको भूख लगेगी, खाना सही ढंग से पचेगा, प्यास लगेगी, कुष्ठ और डायबिटीज को भी सही करेगी, इसके साथ पीलिया रोग में भी ये बहुत फायदेमंद साबित होगी |
इन सभी रोगो के साथ अगर आपको मूत्र, खासी, उलटी, बुखार, बवासीर भी है तो उसमे इसका सेवन लाभकारी होगा| जैसा की मैंने ऊपर पैराग्राफ में बताया है की ये आपके पाचन क्रिया को सही करेगा तो जाहिर सी बात है की आप गरिष्ट भोजन करेंगे और अच्छा खाना आपके शारीरिक दुर्बलता को भी ख़त्म करने में सहायता करेगा | शारीरिक रूप से कमजोर महिलाये भी इसका सेवन करके अपने शरीर को लाभ पंहुचा सकती हैं |
गिलोय क्या है (What is Giloy?)
गिलोय के पत्ते बहुत कोमल और पान के पत्ते जैसे होते हैं | इसे अमृतवल्ली लता के रूप में जाना जाता है, जिसका भावार्थ होता है "कभी न सूखने वाली लता" | इसके तने से लम्बी-लम्बी जडें निकली होती हैं जो रस्सी की तरह प्रतीत होती हैं |
साधारणतयः इसपर हरे और पिले रंग के फूलो के गुच्छे लगे रहते हैं | इसे आयुर्वेद में अमृत तुल्य पौधों के श्रेणी में रखा गया है और बहुत से रोगो के इलाज में सहायक सिद्ध होने वाला बताया जाता है|
गिलोय की अपनी प्रकृति है ये लता के समान होती है और जिस भी वृछ पर ये लिपटी होती है या संसर्ग में आती है तो उसके सभी गुणों को अपने अंदर समाहित कर लेती है | इस कारण से आयुर्वेद के हिसाब से नीम के वृछ पर चढ़ी हुई गिलोय की लता बहुत उच्च गुणों से संपन्न मानी जाती है |
गिलोय आपके शरीर में मौजूद ख़राब बैक्टीरिया और कीड़ो को तो पूरी तरह से समाप्त करने की ताकत रखता है | ऐसा आयुर्वेदिक चिकित्साशास्त्र में वर्णित है |
ये रोगो से उत्पन जीवाणुओं के अप्रत्याशित वृद्धि को तो रोकती ही है, साथ ही आपके शरीर के आंत और यूरीन में मौजूद बैक्टीरिया और कीड़ो को भी जड़ से ख़त्म करने का काम करती है |
वैसे तो आयुर्वेदिक औषिधि गिलोय की बहुत से प्रजातियां पायी जाती हैं | कुछ का प्रयोग चिकित्सा, मतलब रोगो के उपचार के लिए किया जाता है|
जाने क्या है अनेक भाषाओं में गिलोय के नाम (Giloy Called in Different Languages)
गिलोय को हिंदी में गडुची, अमृता और गिलोय कहा जाता है और अंग्रेजी में हार्ट लीव्ड टिनोस्पोरा (Heart leaved tinospora), मून सीड (Moon seed) और इण्डियन टिनोस्पोरा (Indian tinospora) भी कहा जाता है |
बंगाली में लोग इसे गुलांचा (गुंचा) कहते हैं और संस्कृत में अमृता, मधुपर्णी, अमृतलता, छिन्ना आदि नामो से जाना जाता है | वैसे देखा जाये तो नाम से ज्यादा महतवपूर्ण इसका काम है और वो है आपकी हमारी सेहत को सही रखना |
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Giloy Benefits In Hindi:Giloy Ka Paudha
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आँखों के रोग में फायदेमंद गिलोय (Benefits of Giloy to Cure Eye Disease)
गिलोय के फायदे आपको उपयोग करने के बाद दिखेंगे | लेकिन आप
सबसे पहले अपने चिकित्सक से संपर्क कर उन्हें अपने रोग को बताये और उनसे परामर्श
लेने के बाद ही कोई विधि अपनाये | बहुत बार समस्या की पूरी जानकारी और
चिकित्सीय सलाह नहीं लेने के कारण उपचार कारगर नहीं होता है |
गिलोय आँखों में होने वाली चुभन और मोतियाबिंद जैसे बीमारियों को ठीक करने में सहायक होता है | गिलोय रस में त्रिफला, पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर और काढ़ा बना कर सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ती है | लेकिन इसके लिए किसी चिकित्सक से परामर्श अनिवार्य है | तभी आपको गिलोय के फायदे (giloy ke fayde) का सही आंकलन होगा |
कान की बीमारी में फायदेमंद गिलोय का प्रयोग (Uses of Giloy For Ear)
गिलोय का उपयोग कान की गन्दगी को बाहर निकालने में भी किया
जाता है | ये बिना कोई नुकसान के आपके कान के मैंल को बहार निकलने में
सहायता करेगा |
आपको गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लेना है है और कान में ड्रापर की सहायता से 2 बून्द दिन में दो बार डालना है | लेकिन आप पहले चिकित्सक से संपर्क कर के उनसे सलाह जरूर ले | गिलोय आपके कानो को बिना कोई नुक्सान पहुचाये आपके कानो को साफ़ करता है|
हिचकी को रोकने के लिए करें गिलोय का इस्तेमाल (Giloy Benefits to Stop Hiccup)
हिचकी को रोकने के लिए गिलोय और सोंठ के चूर्ण को मिला के
चटनी बना ले और इसे दूध में मिलकर पिने से हिचकी को रोका जा सकता है |
ऐसे भी आप जानते हैं की सोंठ को गले में होने वाली छोटी-छोटी
परेशानियों जैसे- गले में खराश, हलकी खासी
आदि में बहुत उपयोगी सिद्ध होता है | गिलोय के सभी फायदे
(giloy ke fayde) तभी आपको मिलेंगे जब इसका उपयोग सही तरह से
किया जाये |
गिलोय टीबी रोग, उलटी को रोकने में, कब्ज, लिवर विकार और बवासीर को खत्म करने में भी सहायक सिद्ध होता है|
गठिया में फायदेमंद गिलोय (Benefits of Giloy in Arthritis)
जैसा की आप जानते हैं की पैर के दर्द से आज कल लोग बहुत परेशान रहते हैं | इसको गठिया का रोग भी कहा जाता है | गठिया के रोग के लिए गिलोय को राम-बाण कहा जाता है |
गिलोय के चूर्ण का काढ़ा बनाकर पिने से गिलोय का पूरा लाभ
मिलता है और जोड़ो के दर्द में बहुत आराम मिलता है | गिलोय का सेवन सोंठ
के साथ मिला कर करने से गठिया में अत्यंत लाभकारी है|
अन्य रोगो जैसे फ़ाइलेरिया (हाथीपांव) वाले रोग में गिलोय के
रास को सरसो के शुद्ध तेल के साथ मिला कर खली पेट ले | ये उसमे
लाभप्रद सिद्ध होगा |
लेकिन आप पहले अपने चिकित्सक से एक बार सलाह जरूर ले और उनके परामर्श पर उपचार करे | अगर हो सके तो आयुर्वेद के चिकित्सक से इस उपचार पर सलाह ले साथ ही अत्यधिक सेवन से भी बचे |
बुखार उतारने के लिए गिलोय से लाभ (Giloy is
Beneficial in Fighting with Fever)
बुखार को ठीक करने में गिलोय बहुत उपयोगी है आप अगर इसका
इस्तेमाल सही मात्रा में करे तो ज्वर को ये ठीक कर सकता है और शरीर की इम्युनिटी
को भी मजबूती प्रदान कर सकता है |
आप पतंजलि के गिलोय घनवटी (Giloy Ghanvati) का सेवन निर्देशानुसार करके अपने बुखार को उतार सकते हैं|इसका उपयोग लाभकारी है और इसका कोई दुष्परिणाम भी नहीं होता है |
वैसे तो अगर कोई एलोपैथिक मेडिसिन लेने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, लेकिन इसके विपरीत गिलोय घनवटी आपके इम्युनिटी को मजबूत भी करता है और रोग का निवारण भी करता है |
गिलोय के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Giloy?) क्या इसे सभी को लेना चाहिए
क्या गिलोय से नुकसान भी होता है? (Side
Effects of Giloy)
गिलोय डायबिटीज (मधुमेह) को कम करने में बहुत सहायक सिद्ध होता है, इसलिए डायबिटीज वाले रोगियों को बिना चिकित्स्कीय परामर्श में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए साथ ही गर्भावस्था के दौरान भी इसके सेवन से बचना चाहिए |
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